Hindi , अपठित बोध , अपठित गद्यांश , अपठित पद्यांश
Hindi , अपठित बोध , अपठित गद्यांश , अपठित पद्यांश अपठित काव्यांश भी गद्यांश की भाँति बिना पढ़ा अंश होता है। यह पाठ्यक्रम के बाहर से लिया जाता है। इसके द्वारा छात्रों की काव्य संबंधी समझ का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अंतर्गत विषय वस्तु, अलंकार, भाषिक योग्यता संबंधी समझ की परख की जाती है। अपठित काव्यांश हल करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए- दिए गए काव्यांश को कम से कम दो-तीन बार अवश्य पढ़ें। पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों को रेखांकित कर लें। प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखें। उत्तर काव्यांश से ही होना चाहिए। उदाहरण ( उत्तर सहित) 1. रेशम जैसी हँसती खिलती, नभ से आई एक किरण फूल-फूल को मीठी, मीठी, खुशियाँ लाई एक किरण पड़ी ओस की कुछ बूंदें, झिलमिल-झिलमिल पत्तों पर उनमें जाकर दिया जलाकर, ज्यों मुसकाई एक किरण लाल-लाल थाली-सा सूरज, उठकर आया पूरब में फिर सोने के तारों जैसी, नभ में छाई एक किरण प्रश्न (क) कवि ने किरण के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया है? (i) रेशम जैसी (ii) हँसती खिलती (iii) सोने के तारों जैसी (iv) उपर्युक्त सभी (