सीबीएसई, हिंदी , क्लास 9 ,अर्थ के आधार पर वाक्य भेद, उदाहरण
वाक्य भेद :
वाक्यों के वर्गीकरण के मुख्यतया दो आधार हैं –
- अर्थ के आधार पर
- रचना के आधार पर
नोट: कक्षा-10 के पाठ्यक्रम में ‘रचना के आधार पर’ वाक्य भेद शामिल नहीं है। अत: यहाँ इसका अध्ययन नहीं किया जाएगा।
अर्थ के आधार पर वाक्य भेद –
वाक्य में कोई सूचना दी जा रही है, या नकारात्मकता का भाव है, प्रश्न पूछा जा रहा है या विस्मय प्रकट किया जा रहा है, काम करने का आदेश दिया जा रहा है या इच्छा प्रकट की जा रही है, इसे ही ‘अर्थ’ कहा जाता है। इस आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं
- विधानवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- नकारात्मक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- विस्मयवाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
1. विधानवाचक वाक्य-जिस वाक्य में क्रिया होने या करने की सूचना मिलती हो या. इस प्रकार का सामान्य कथन हो, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
विधानवाचक वाक्य को सकारात्मक वाक्य भी कहा जाता है क्योंकि इस प्रकार के वाक्यों में कही गई बात को ज्यों का त्यों मान लिया जाता है।
उदाहरण –
- पक्षी घोंसले से उड़ चुके हैं।
- कविता ने पाठ याद कर लिया है।
- नदी में बाढ़ आई है।
- विजया ने दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- रोहित ने नया मकान खरीदा।
2. निषेधवाचक या नकारात्मक वाक्य-जिन वाक्यों से क्रिया न होने या न किए जाने का भाव प्रकट होता है, उसे नकारात्मक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण – इन वाक्यों की पहचान न, मत, नहीं देखकर की जा सकती है।
- पक्षी घोंसले से नहीं उड़े हैं।
- कविता ने पाठ नहीं याद किया है।
- नदी में बाढ़ नहीं आई है।
- ऐसी सरदी में बाहर मत जाओ।
- रोहन धूप में न निकलना।
3. प्रश्नवाचक वाक्य-जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है तथा जिनमें कुछ उत्तर पाने की जिज्ञासा रहती है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
प्रश्नवाचक वाक्यों की पहचान –
- क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, किसे, किसका आदि प्रश्नवाचक शब्द देखकर
- वाक्य के अंत में लगे प्रश्नवाचक चिह्न (?) को देखकर की जाती है।
उदाहरण –
- ऐसी धूप में बाहर कौन खड़ा है?
- रमा कब आई?
- तुम कल विद्यालय क्यों नहीं आए?
- कल तुमने क्या-क्या खाया था?
- विक्रम किसकी राह देख रहा है?
4. आज्ञावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में आज्ञा या अनुमति देने-लेने का भाव प्रकट होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम आज्ञासूचक या विधिवाचक वाक्य भी है।
उदाहरण –
- किताब के पेज मत फाड़ो।
- किसलय, अब पढ़ने बैठ जाओ।
- दीवारों को साफ़ कर दो।
- अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाना।
- यह काम कल तक ज़रूर पूरा कर देना।
5. इच्छावाचक वाक्य-जिन वाक्यों में वक्ता की इच्छा, कामना, आशीर्वाद आदि का भाव प्रकट होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण –
- मित्र जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ।
- ईश्वर करे, आप खूब उन्नति करें।
- हमने चाहा था कि हम साथ-साथ रहें।
- काश! इस समय सुमन साथ होती।
- मैं चाहता हूँ कि सभी स्वस्थ हों।
6. विस्मयवाचक वाक्य-विस्मय का अर्थ है-आश्चर्य! जिन वाक्यों से आश्चर्य, हर्ष, घृणा, प्रसन्नता, शोक, दुख, भय आदि भावों की अभिव्यक्ति हो उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम उद्गारवाचक वाक्य भी है।
विस्मयवाचक वाक्यों की पहचान –
- वाक्य में अहो!, अहा!, हाय!, छि:!, अरे! आदि देखकर।
- ऐसे शब्दों या वाक्य के अंत में लगा विस्मयवाचक चिह्न (!) को देखकर की जा सकती है।
उदाहरण –
- अरे! कितना विशाल मैदान है।
- ओह! तुम आ गए।
- अहा! इतना सुंदर फूल देखकर मन प्रसन्न हो उठा।
- सावधान ! ट्रक आ रहा है।
- छि:! नाले के पास बड़ी बदबू थी।
7. संदेहवाचक वाक्य – जिन वाक्यों की क्रिया पूर्ण होने में संदेह होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
संदेहवाचक वाक्यों की पहचान –
- वाक्य के अंत में ‘होगी’, ‘होगा’, ‘होगे’ देखकर।
- शायद, संभवतः जैसे शब्द देखकर की जा सकती है।
उदाहरण –
- अब तक फ़सल कट चुकी होगी।
- रमा खाना पका चुकी होगी।
- दीपक बुझ गया होगा।
- संभवतः विजय विद्यालय से घर आ गया होगा।
- अब शायद बारिश बंद हो जाए।
8. सकतवाचक वाक्य –जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में काम पूरा होने के लिए शर्त-सी लगी होती है। संकेतवाचक वाक्य के पहचान यदि, अगर जैसे शब्द देखकर की जा सकती है।
उदाहरण –
- यदि वर्षा रुकती तो मैं घर जाता।
- अगर जल्दी आते तो टिकट मिल जाता।
- यदि डॉक्टर समय पर आ जाते तो मरीज की जान बच जाती।
- यदि सिंचाई की गई होती तो फ़सलें न सूखती।
- अगर परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होओगे।
वाक्य रूपांतरण :
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है।
वाक्य रूपांतरण निम्नलिखित उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है –
पक्षी आकाश में उड़ रहे हैं। (विधानवाचक वाक्य)
पक्षी आकाश में नहीं उड़ रहे हैं। (निषेधवाचक वाक्य)
क्या पक्षी आकाश में उड़ रहे है? (प्रश्नवाचक वाक्य)
शायद पक्षी आकाश में उड़ रहे होंगे। (संदेहवाचक वाक्य)
(क) विधानवाचक वाक्यों को निषेधवाचक वाक्यों में बदलना –
- चोरों ने चोरी कर लिया।
- मजदूर ने काम पूरा किया।
- माली ने फूल तोड़े।
- रश्मि संस्कृत बोल सकती है।
- किसान बैंक से कर्ज़ लेते हैं।
उत्तरः
- चारों ने चोरी नहीं किया।
- मज़दूर ने काम पूरा नहीं किया।
- माली ने फूल नहीं तोड़े।
- रश्मि संस्कृत नहीं बोल सकती है।
- किसान बैंक से कर्ज नहीं लेते हैं।
(ख) विधानवाचक वाक्यों को प्रश्नवाचक वाक्यों में बदलना
- अर्पित ने कुत्ते को डंडे से मारा।
- कर्ज में डूबे किसान ने आत्महत्या कर ली।
- चलते-चलते वह पेड़ की छाया में बैठ गया।
- सैनिकों ने चार आतंकवादियों को मार गिराया।
- विजया प्रयोगशाला में प्रयोग करती है।
उत्तरः
- क्या अर्पित ने कुत्ते को डंडे से मारा?
- किसान ने आत्महत्या क्यों कर ली?
- चलते-चलते वह कहाँ बैठ गया?
- सैनिकों ने कितने आतंकवादियों को मार गिराया?
- क्या विजया प्रयोगशाला में प्रयोग करती है?
(ग) विधानवाचक वाक्यों को संदेहवाचक वाक्यों में बदलना।
- गाड़ी स्टेशन पर आ चुकी है।
- अंडे से बच्चे निकल आएँगे।
- मंदिर में आरती हो रही है।
- आतंकी मारे जा चुके हैं।
- मरीज ठीक हो रहा है।
उत्तरः
- गाड़ी स्टेशन पर आ चुकी होगी।
- अंडे से बच्चे निकल आए होंगे।
- शायद मंदिर में आरती हो रही होगी।
- संभवतः आतंकी मारे जा चुके होंगे।
- संभवतः मरीज ठीक हो रहा होता।
(घ) विधानवाचक वाक्यों को संकेतवाचक वाक्यों में बदलना।
- वर्षा होने पर फ़सल अच्छी होती है।
- मेहनत न करने से तुम फल हुए हो।
- मज़दूर आने पर किसान फ़सल काटेगा।
- बिजली आने पर टी.वी. देलूँगा।
- वर्षा होने पर पौधे लगाऊँगा।
उत्तरः
- यदि वर्षा होती तो फ़सल अच्छी होती।
- यदि मेहनत करते तो फेलन होते।
- यदि मज़दूर आते तो किसान फ़सल काटते।
- यदि बिजली आती तो मैं टी.वी. देखता।
- यदि वर्षा होती तो मैं टी.वी. देखता।
इसी प्रकार अन्य वाक्यों का रूपांतर भी किया जा सकता है।
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